Iran President Raisi’s Death: इज़राइल, तेल की कीमतों, सोने और शेयर बाजारों पर क्षेत्रीय प्रभाव?
ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी की अचानक मृत्यु ने देश में गहरे शोक की लहरें फैला दी हैं। राष्ट्रपति रायसी का निधन एक बड़ी क्षति है, जिसने देश के नेतृत्व में गहरी खाई छोड़ दी है। उनके निधन से ईरानी राजनीति में बड़ी रणनीतिकता आ सकती है।
रायसी का राष्ट्रपति बनने से पहले वे एक प्रमुख न्यायाधीश थे और उनका political career देश के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखता था। उनकी मृत्यु से देश में uncertainty और राजनीतिक instability बढ़ सकती है। अब देश के नए नेता का चयन होना होगा, जिससे political landscape में बदलाव आ सकता है।
ईरान की foreign policy और nuclear program इन घटनाओं पर भी प्रभाव पड़ सकते हैं। राष्ट्रपति रायसी के leadership में देश ने regional stability के लिए कई प्रयास किए थे। उनके निधन से Middle East में geo-political dynamics में भी बदलाव आ सकता है।
ईरान की नागरिकों और विदेशी निवासियों के बीच भावनात्मक रूप से शोक की भावना उमड़ गई है। उनके समर्थन, विशेष रूप से क्षेत्रीय stability के लिए अहम थे। इस दुख की घड़ी में, ईरान के लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायसी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने उनकी सेवाओं और योगदान की सराहना की, जो भारत और ईरान के बीच relations को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने रायसी को visionary leader बताया और उनके निधन से दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंधों को नष्ट होने की भी संभावना दी।
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मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति रायसी के नेतृत्व में भारत और ईरान के बीच व्यापार, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को नई दिशा मिली। दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और अनेक परियोजनाओं पर सहयोग बढ़ा। उन्होंने रायसी को एक दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने अपने देश की प्रगति के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए भी प्रयास किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने रायसी के परिवार और ईरान की जनता के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस कठिन समय में भारत ईरान के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति रायसी की मृत्यु से हम सभी को गहरा दुख हुआ है। उनके परिवार और ईरान की जनता के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। इस दुख की घड़ी में हम ईरान के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति मिले।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति रायसी की मृत्यु से ईरान और पूरे क्षेत्र में एक शून्य उत्पन्न हुआ है, जिसे भरना कठिन होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरान इस कठिन समय को धैर्य और एकता के साथ पार करेगा और रायसी के अधूरे कार्यों को पूरा करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में भारत-ईरान संबंधों को मजबूत बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि भारत हमेशा ईरान के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रायसी के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनके आदर्शों पर चलते हुए दोनों देश मिलकर प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूएंगे।
इस दुखद घटना ने न केवल ईरान बल्कि पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया है। राष्ट्रपति रायसी के नेतृत्व में ईरान ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं और क्षेत्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मृत्यु से उत्पन्न शून्य को भरने में समय लगेगा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के संदेश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस कठिन समय में भारत ईरान के साथ खड़ा है।